Savin Bansal: देहरादून में पहली बार शिक्षा माफियाओं पर जिला प्रशासन ने सख्त एक्शन की तैयारी कर ली है। सीएम धामी  के सख्त निर्देश है कि शिक्षा माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही की जाये वहीं जिलाधिकारी  सविन बंसल शिक्षा माफियाओं पर सख्त रूख अपनाएं हुए 4 बड़े पुस्तक भण्डार पर जीएसटी चोरी, बिल न देने, अनावश्यक सामग्री क्रय करने पर सख्त एक्शन लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही दुकाने सील कर दी है।
दून प्रशासन के रडार पर बडे़ निजी स्कूल
जिला प्रशासन के आक्रमक के चलते एन मेरी स्कूल ने कम की फीस 10 प्रतिशत् अन्डरटेकिंग दी है जो कि पहले  30 प्रतिशत् बढोतरी कर दी थी।, जिला प्रशासन के आक्रमक रवैये से जहां चलते निजी स्कूल पंक्तिबद्ध हुए हैं वहीं अभिभावकों को भी राहत मिलेगी। सीएम के निर्देश पर अभिभावकों बच्चों के शोषण पर जिला प्रशासन ने नकेल कसेने की पूर्ण तैयारी कर ली है। डीएम (Savin Bansal)की कोर टीम  इन दिनों निजी स्कूलों पर नजर तरेरे हुए है। सख्त निर्देश है नियम मानो नही तो लाईसेंस निरस्त कर स्कूलों पर ताला जड़ दिया जाएगा। जिले में प्रथमबार शिक्षा के वाणिज्य पर सख्त एक्शन किया जा  रहा है पुस्तक माफियाओं के बाद, अब निजी स्कूल बैकफुट नजर अ रहे है। डीएम के सख्त निर्देश हैं कि निर्धारित मानक से अधिक फीस, अभिभावकों का शोषण बर्दाश्त नही किया जाएगा कहीं से शिकायत प्राप्त हुई तो इस सख्त-सख्त एक्शन किया जाएगा। वहीं प्रशासन के रडार पर कई बडे़ निजी स्कूल हैं।
Savin Bansal
जिला प्रशासन की सख्ताई के बाद अब एन मैरी स्कूल ने अपने पत्र में फीस बढोतरी को कम कर दी है। फीस बढोतरी को लेकर आए दिन अभिभावक परेशान होने तथा विभिन्न संगठनों पर धरना प्रदर्शन के साथ ही डीएम(Savin Bansal) को ज्ञापन प्राप्त हो रहे थे। डीएम के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जनपद के तमाम निजी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों, प्रबन्धकों के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। शासनादेश के अनुरूप फीस वृद्धि 03 वर्ष मंे 10 प्रतिशत् बढोतरी ही कर सकते हैं इससे अधिक करने पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।निर्देशित किया कि पाठ्य-पुस्तकें बाजार में किसी भी विक्रेता के पास आसानी से कम मूल्य पर उपलब्ध हो,सभी विद्यालय उत्तर पुस्तिकाओं कॉफी में विद्यालय के नाम के मुद्रण का चलन भी समाप्त किया जाय, जिससे अभिभावक खुले बाजार में किसी भी विक्रेता से उत्तर पुस्तिकायें क्रय कर सके।
जिले में संचालित समस्त विद्यालय अपने विद्यालय में प्रचलित छात्र गणवेश की जानकारी अपनी वेबसाईट के माध्यम से खुले बाजार में उपलब्ध करायेंगे। जिससे उनके विद्यालय प्रचलित छात्र ड्रेस बाजार में किसी भी विक्रेता के पास आसानी से कम मूल्य पर उपलब्ध हो सके। विद्यालय ड्रेस पर मुद्रित किये जाने वाले लोगो का भी व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें, जिससे कोई भी विक्रेता विद्यालय के ड्रेस  को अपनी दुकान पर आसानी से उपलब्ध करा सके। समस्त निजी विद्यालयों को निर्देशित किया जाता है कि वह शासनादेशों के अनुरूप अपने विद्यालयों में शुल्क वृद्धि तीन वर्ष के अन्तराल में अधिकतम 10 प्रतिशत से अधिक किसी भी दशा में नहीं करेंगे।

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